होता है जैसा मुझको,
वैसा ही तुम्हें भी होता है क्या?
बताओं ना……………..??????
लुभाती है लाली जैसे सूरज की मुझको,
वैसे ही तुम्हें भी लुभाती है क्या?
बताओं न………………...?????
पत्तो की चर-पर पे,
हाथ थामे वो चलना
गुलमोहर के फूलों से
वो ख्वाबों को बुनना
ख्वाबों को लेकर,
संभल कर वो चलना
और चुपके से छुप कर
उस गली में मिलना
आती है उस गली से वो खुशबु जो मुझको
वैसे तुम्हें भी आती है क्या?
बताओं ना……………?????
No comments:
Post a Comment